
- Kindle स्टोर
- Kindle ई-बुक
- आत्मकथाएँ, डायरी और वास्तविक विवरण
जब आप खरीदते हैं तो प्रमोशन लागू होते हैं.
ये प्रमोशन इस आइटम पर लागू होंगे:
कुछ प्रमोशन कंबाइंड हो सकते हैं, बाकी अन्य ऑफर्स के साथ कंबाइन करने के पात्र नहीं हैं जानकारी के लिए, कृपया इन प्रोमोशंस से जुडी नियम और शर्तें देखें

दूसरों के लिए खरीदें
दूसरों के लिए kindle ई-बुक ख़रीदना और भेजना.
इन ई-बुक को भारत में केवल प्राप्तकर्ताओं द्वारा रिडीम किया जा सकता है. रिडेम्प्शन लिंक और ई-बुक को फिर से बेचा नहीं जा सकता है.

मुफ्त Kindle ऐप डाउनलोड करें और अपने स्मार्टफ़ोन, टैबलेट या कंप्यूटर पर तुरन्त Kindle किताबें पढ़ना शुरू करें - किसी Kindle डिवाइस की आवश्यकता नहीं है .
Kindle for Web के साथ अपने ब्राउज़र पर तुरंत पढ़ें.
अपने मोबाइल फ़ोन के कैमरे का उपयोग करके - नीचे दिए गए कोड को स्कैन करें और Kindle ऐप डाउनलोड करें.

इमेज उपलब्ध नहीं है

- इस वीडियो डाउनलोड को देखने के लिए फ़्लैश प्लेयर
लेखक को फॉलो करें

Gautam Adani ki Biography/ गौतम अडानी की बायोग्राफी by Mahesh Dutt Sharma: Uncovering the Life of a Business Tycoon (Hindi Edition) किंडल संस्करण
- Kindle Edition ₹98.70 पढ़ने के लिए प्रयोग करें हमारा फ्री ऐप
- पेपरबैक ₹180.00 7 नया से ₹180.00
गौतम अडानी एक भारतीय उद्यमी और स्वयं निर्मित अरबपति है जो अदानी समूह के अध्यक्ष हैं। अदानी समूह कोयला व्यापार, कोयला खनन, तेल एवं गैस खोज, बंदरगाहों, मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक, बिजली उत्पादन एवं पारेषण और गैस वितरण में फैले कारोबार को सम्भालने वाला विश्व स्तर का एकीकृत बुनियादी ढ़ाँचा है।
गौतम अडानी का जन्म 24 जून, 1962 को अहमदाबाद के गुजराती जैन परिवार में हुआ। अडानी के पिता कभी आजीविका के लिए थराड़ कस्बे से गुजरात के इस उत्तरी हिस्से में आ बसे थे। अडानी के छह भाई-बहन हैं। आरंभिक संघर्ष के दिनों में अडानी परिवार अहमदाबाद के पोल इलाके की शेठ चॉल में रहता था। ‘कोई धंधा छोटा या बड़ा नहीं होता और धंधे से बड़ा कोई धर्म नहीं होता।’ इस वाक्य को अपने जीवन में चरितार्थ करते हुए गौतम भारत के सबसे मशहूर कारोबारमैन बने और तंग गलियों से निकलकर आज दुनिया भर में पहचाने जाते हैं।
Business tycoon Gautam Adani is now the world's third-richest person.
Selected Stories of Honoré de Balzac by Honoré de Balzac : In this collection, Honoré de Balzac presents a selection of his acclaimed short stories, showcasing his incredible talent for vivid storytelling and character development. With its rich language and engaging narratives, this book is a must-read for fans of classical literature.
Key Aspects of the Book "Selected Stories of Honoré de Balzac": Collection of Short Stories: The book features a collection of acclaimed short stories by Honoré de Balzac. Vivid Storytelling and Character Development: The stories showcase Balzac's incredible talent for vivid storytelling and character development. Useful for Literature Enthusiasts: The book is useful for fans of classical literature and those interested in the works of Balzac.
Honoré de Balzac was a French novelist and playwright who is regarded as one of the greatest writers of Western literature. His book, Selected Stories of Honoré de Balzac , is highly regarded for its captivating storytelling and rich language.
- प्रिंट की लम्बाई 102 पेज
- प्रकाशक Prabhat Prakashan
- प्रकाशन की तारीख 9 जनवरी 2023
- फ़ाइल का साइज़ 705 KB
- पृष्ठ पलटना सक्षम
- वर्ड वाइज (मुश्किल शब्दों के लिए संकेत) सक्षम नहीं किया गया
- बेहतर टाइपसेटिंग सक्षम
- पूरा विवरण देखें
- Kindle Paperwhite
- Kindle Voyage
- Kindle Oasis
- Kindle Cloud Reader
- Android के लिए Kindle
- Android टैबलेट के लिए Kindle
- iPhone के लिए Kindle.
- iPad के लिए Kindle
- PC के लिए Kindle
Explore Our Collection Of Hindi eBooks
इस किताब को पढ़ने वाले ग्राहक इसे भी पढ़ते हैं.

प्रोडक्ट विवरण
About the author.
हिंदी के प्रतिष्ठित लेखक महेश दत्त शर्मा का लेखन कार्य सन् 1983 में आरंभ हुआ, जब वे हाईस्कूल में अध्ययनरत थे। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झाँसी से 1989 में हिंदी में स्नातकोत्तर । उसके बाद कुछ वर्षों तक विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं के लिए संवाददाता, संपादक और प्रतिनिधि के रूप में कार्य । लिखी व संपादित दो सौ से अधिक पुस्तकें प्रकाश्य ।
भारत की अनेक प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में तीन हजार से अधिक विविध रचनाएँ प्रकाश्य । हिंदी लेखन के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त, प्रमुख हैं--मध्य प्रदेश विधानसभा का गांधी दर्शन पुरस्कार (द्वितीय), पूर्वोत्तर हिंदी अकादमी, शिलाँग (मेघालय) द्वारा डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति पुरस्कार, समग्र लेखन एवं साहित्यधर्मिता हेतु डॉ. महाराज कृष्ण जैन स्मृति सम्मान, नटराज कला संस्थान, झाँसी द्वारा लेखन के क्षेत्र में “बुंदेलखंड युवा पुरस्कार', समाचार व फीचर सेवा, अंतर्धारा, दिल्ली द्वारा लेखक रत्न पुरस्कार इत्यादि।
संप्रति : स्वतंत्र लेखक-पत्रकार।
प्रोडक्ट का विवरण
- ASIN : B0BRY93QRS
- प्रकाशक : Prabhat Prakashan (9 जनवरी 2023)
- भाषा : हिंदी
- फ़ाइल का साइज़ : 705 KB
- टेक्स्ट-टू-स्पीच : सक्रिय
- स्क्रीन रीडर : समर्थित
- बेहतर टाइपसेटिंग : सक्षम
- वर्ड वाइज (मुश्किल शब्दों के लिए संकेत) : सक्षम नहीं किया गया
- प्रिंट की लम्बाई : 102 पेज
- में 13,624 जीवनी और आत्मकथाएँ (Kindle स्टोर)
- में 28,828 व्यापार और निवेश ईपुस्तकें
- में 39,417 जीवनी और आत्मकथाएँ (किताबें)
लेखक के बारे में
Mahesh dutt sharma.
लेखक की और ज्यादा किताबें खोजें, समान लेखकों को देखें, लेखक के ब्लॉग पढ़ें और भी बहुत कुछ
ग्राहकों की समीक्षाएं
छवि के साथ समीक्षाएं.

रिपोर्ट सबमिट करें
- उत्पीड़न, गाली-गलौज
- स्पैम, विज्ञापन, प्रमोशन
- नकद, छूट के बदले में दिया गया
माफ़ करें, एक त्रुटि हुई थी
इनके अनुसार समीक्षा फ़िल्टर करें.
- समीक्षाओं को इसके अनुसार क्रमबद्ध करें टॉप समीक्षाएं सबसे हाल ही का टॉप समीक्षाएं
भारत से टॉप समीक्षा
राय को फ़िल्टर करते समय समस्या हुई. फिर से कोशिश करें..

- हमारे बारे में जानकारी
- प्रेस विज्ञप्तियां
- Amazon Science
- Amazon पर बेचें
- 'Amazon के लिए बने ब्रांड' के तहत बेचें
- अपने ब्रांड को सुरक्षित रखें और बनाएं
- Amazon ग्लोबल सेलिंग
- Amazon द्वारा फुलफिलमेंट
- अपने प्रोडक्ट का विज्ञापन दें
- Merchants पर Amazon pay
- COVID-19 और Amazon
- आपका अकाउंट
- वापसी केंद्र
- 100% सुरक्षा खरीदारी पर
- Amazon ऐप डाउनलोड
- ऑस्ट्रेलिया
- संयुक्त अरब अमीरात
- यूनाइटेड किंगडम
- संयुक्त राज्य अमेरिका
- उपयोग और बिक्री की शर्तें
- गोपनीयता सूचना
- रुचि-आधारित विज्ञापन
- Aaj Tak Campus
- India Today
- Business Today
- Cosmopolitan
- Harper's Bazaar
- Reader’s Digest
- Brides Today

NOTIFICATIONS

- बिज़नेस न्यूज़
आधुनिक भारत के ये 10 सबसे बड़े कारोबारी, आजादी से अब तक तरक्की के सूत्रधार!
India's top-10 businessman: 15 अगस्त 1947 को देश आजाद हुआ. इस आजादी से साथ ही भारत ने दुनिया में अलग मुकाम बनाने की शुरुआत कर दी. आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है और 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है..

दीपक चतुर्वेदी
- 12 अगस्त 2022,
- (अपडेटेड 12 अगस्त 2022, 12:31 PM IST)

- आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है पूरा देश
- दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी बना भारत
देश को अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हुए 75 साल होने वाला है. इस मौके पर पूरा देश 'आजादी का अमृत महोत्सव' (azadi ka amrit mahotsav) मना रहा है. देश इन सात दशकों में दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं (Fastest Growing Economy) में शामिल हो चुका है. इस मुकाम तक पहुंचाने में कारोबारी जगत का अहम योगदान है, जिन्होंने भारत की आर्थिक सेहत मजबूत की है.
सबसे तेजी से बढ़ती इकोनॉमी भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था. लेकिन, ये चिड़िया लंबे समय तक अंग्रेजों की गुलामी में रही. कई शहादतों के बाद आखिरकार 15 अगस्त 1947 (15 August) को देश आजाद (independence) हुआ. इस आजादी से साथ ही भारत ने दुनिया में अलग मुकाम बनाने की शुरुआत कर दी. आज भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनकर उभरा है और 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनने की ओर अग्रसर है. आधुनिक भारत में रतन टाटा, गौतम अडानी, मुकेश अंबानी समेत कई उद्योगपति हैं, जो दुनियाभर में देश को अलग पहचान दिलाने में भूमिका निभा रहे हैं. आइए जानते हैं ऐसे ही देश के टॉप-10 कारोबारियों (Top-10 Indian Businessman) के बारे में...

1- रतन टाटा (Ratan Tata) टाटा समूह (Tata Group) के चेयरमैन रतन टाटा उन कारोबारियों में शामिल हैं. जिनकी कंपनी आजादी के पहले और बाद भी सफलता की नई ऊंचाइयां छू रही है. देश को नमक से लेकर लग्जरी कार तक बनाकर देने वाले टाटा समूह के कारोबार की शुरुआत 1868 में हुई थी. लेकिन, आज के आधुनिक भारत में आईटी सेक्टर हो, एविएशन सेक्टर हो, होटल व्यवसाय हो या फिर ऑटो सेक्टर रतन टाटा का दबदबा कायम है. रतन टाटा के समूह में एअर इंडिया, टीसीएस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स समेत इंडियन होटल जैसी कंपनियां हैं. जो देश की आर्थिक प्रगति में अपनी भूमिका निभा रही है.
सम्बंधित ख़बरें

आजादी से पहले की ये 7 भारतीय कंपनियां, आज भी दुनिया में डंका

टाटा-बिड़ला से मुकाबला! अब इस चीज की फैक्ट्री खोलने जा रहे हैं गौतम अडानी

छंटनी पर कलम चलाते हुए रोने लगा CEO, कहा- फरवरी से रोक रखा था!

CNG और PNG के दाम होंगे कम!, सरकार ने उठाया बड़ा कदम

रक्षाबंधन के साथ शुरू हुईं छुट्टियां, लगातार 6 दिन बैंक रहेंगे बंद

2- मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) देश की सबसे मूल्यवान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) के चेयरमैन मुकेश अंबानी आज के भारत को आगे बढ़ाने वाले कारोबारियों में हैं. इनका जन्म भले ही देश के बाहर यमन के अदन हुआ, लेकिन आज भारतीय कारोबारी जगत में ये सबसे आगे हैं. देश के हर हाथ में मोबाइल पहुंचाने का सबसे बड़ा श्रेय भी मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस (Reliance) को ही जाता है. टेलिकॉम से लेकर रिटेल सेक्टर तक, पेट्रोलियम, इंफ्रास्क्ट्रक्चर से लॉजिस्टिक्स सेक्टर तक रिलायंस एक बड़ा नाम है. दुनिया के शीर्ष अमीरों में भी मुकेश अंबानी शामिल हैं.

3- गौतम अडानी (Gautam Adani) अडानी समूह के चेयरमैन गौतम अडानी एशिया के सबसे अमीर इंसान (Asia's Richest Person) हैं. दुनिया भर में भारत को अलग पहचान दिलाने में अडानी की भी बड़ी भूमिका है. संपत्ति के मामले में ये भारतीय उद्योगपति दुनिया के टॉप-10 अरबपतियों (Top-10 Billionaires) में चौथे स्थान पर हैं. खाने के तेल से लेकर, बंदरगाह, एयरपोर्ट, गैस, ग्रीन एनर्जी तमाम क्षेत्रों में अडानी की बादशाहत कायम है. गौतम अडानी ने 1988 में अडानी एंटरप्राइज लिमिटेड बनाकर बिजनेस की दुनिया में कदम रखा और आज आधुनिक भारत के सबसे बड़े कारोबारियों में शामिल हैं. कमाई के मामले में दुनिया भर के अमीरों में अडानी सबसे आगे हैं.

4- अजीम प्रेमजी (Azim Premji) आज आईटी सेक्टर में भारत रोज नए आयाम स्थापित कर रहा है. इस सेक्टर में देश को अलग पहचान देने के मामले में अजीम प्रेमजी का नाम ऊपर आता है. उन्हें Indian IT Industry के Czar भी कहा जाता है. अजीम प्रेमजी आईटी फर्म विप्रो के अध्यक्ष और भारतीय अरबपति, बिजनेस टाइकून, व्यवसायी और सबसे बड़े दानवीर हैं. आजादी से दो साल पहले 24 जुलाई 1945 को जन्मे इस भारतीय उद्योगपति ने आधुनिक भारत में बड़ा योगदान दिया है और दे रहे हैं.

5- कुमार मंगलम बिड़ला (Kumar Mangalam Birla) आजादी के बाद जन्म 14 जून 1967 कुमार को जन्मे कुमार मंगलम बिड़ला भारतीय कारोबारी जगत का एक बड़ा नाम हैं. वे आदित्य बिड़ला ग्रुप के अध्यक्ष हैं. भारत की आर्थिक प्रगति में अपना बड़ा योगदान देने वाले कारोबारियों की लिस्ट में इनका नाम भी शामिल है. बिड़ला समूह की कंपनियों की बात करें तो ग्रासिम, हिंडाल्को, अल्ट्राटेक सीमेंट, आदित्य बिरला नुवो, आदित्य बिरला रिटेल समेत कई नाम शामिल हैं. इसके अलावा शिक्षा के क्षेत्र में भी इनका समूह खासा सक्रिय है.

6- आदि गोदरेज (Adi Godrej) भारतीय उद्योगपति आदि गोदरेज ने जब बिजनेस संभाला था, उस वक्त कंपनी अलमारी, साबुन जैसे सामान बनाती थी. लेकिन फिर कंपनी ने कई और प्रोडक्ट्स भी बनाने शुरू कर दिए. हालांकि उन्होंने बीते साल 2021 में इस्तीफा दे दिया था. आजादी के पहले गोदरेज समूह देश को आर्थिक मजबूती देने में सक्रिय है. वर्तमान में ये भारतीय अर्थव्यवस्था के लगभग हर क्षेत्र में सक्रिय है. फिरोजशा और अर्देशिर गोदरेज कंपनी इसके संस्थापक हैं. आजादी से पहले जब ब्रिटिश हुकूमत थी, तब भी भारतीय अंग्रेज अपने कीमती सामानों के लिए भारतीय उद्योगपति की कंपनी की तिजोरी पर ही भरोसा करते थे.

7- लक्ष्मी मित्तल (lakshmi Mittal) भारतीय कारोबारी लक्ष्मी मित्तल स्टील मैग्नेट, आर्सेलर मित्तल के अध्यक्ष और सीईओ हैं. आधुनिक भारत में ये उद्योगपति दुनिया भर में कारोबार को फैलाते हुए भारत की आर्थिक प्रगति में हिस्सेदारी दे रहे हैं. लक्ष्मी मित्तल को 2007 में यूरोप के सबसे अमीर एशियाई व्यक्ति के रूप में मान्यता दी गई थी. इनका जन्म एक पारंपरिक मारवाड़ी परिवार में हुआ था और उन्होंने सेंट जेवियर्स कॉलेज, कलकत्ता से बी.कॉम की डिग्री हासिल की. आज उद्योग जगत में ये बड़ा नाम बन चुके हैं.

8- शिव नाडार (Shiv Nadar) शिव नाडार एचसीएल (HCL) और शिव नाडार फाउंडेशन के अध्यक्ष और संस्थापक हैं. इनकी गिनती भारत के सबसे शक्तिशाली व्यक्तियों में की जाती है. 2008 में नाडार को भारत सरकार ने तीसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म भूषण से नवाजा था. पुरानी रिपोर्टों के मुताबिक, महज 1.87 लाख रुपये से इस भारतीय उद्योगपति ने एचसीएल की स्थापनी की थी, जो आज सॉफ्टवेयर सेवाओं के मामले में भारत की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है.

9- एन आर नारायणमूर्ति (N R Narayana Murthy ) N R Narayana Murthy टेक सेक्टर में जाना पहचाना नाम है. इनकी कंपनी इंफोसिस (Infosys) भारत की सबसे बड़ी टेक कंपनियों में से एक है. यह वर्तमान में ब्रिटेन सहित दुनिया के लगभग 50 देशों में मौजूद है. इसका मुख्यालय बेंगलुरु में है. रेवेन्यू पर नजर डालें तो कंपनी ने 2019 में 11.8 अरब डॉलर, 2020 में 12.8 अरब डॉलर और 2021 में 13.5 अरब का राजस्व दर्ज किया. हालांकि नारायण मूर्ति ने साल 2011 में इंफोसिस के अध्यक्ष पद को छोड़ दिया था. ब्रिटेन में प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार ऋषि सुनक इस दिग्गज भारतीय उद्योगपति के दामाद हैं.

10- अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) अपने दम पर कारोबारी साम्राज्य खड़ा कर देश की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देने वाले भारतीय उद्योगपतियों का जिक्र हो, तो वेदांता ग्रुप (Vedanta Ltd) के अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) का नाम स्वाभाविक तौर पर सामने आ जाता है. साधारण परिवार में पैदा होने के बाद अनिल अग्रवाल ने अपनी मेहनत और लगन से माइनिंग व मेटल बिजनेस (Mining And Metal Business) का बड़ा कारोबार खड़ा कर दिया. इनकी बड़ी उपलब्धियों में लंदन स्टॉक एक्सचेंज (London Stock Exchange) पर पहली भारतीय कंपनी के रूप में लिस्टिंग शामिल है. आज अनिल अग्रवाल का नेटवर्थ 40 करोड़ डॉलर यानी करीब 35 हजार करोड़ रुपये है.
- भारत का स्वतंत्रता दिवस
- स्वतंत्रता दिवस
- मुकेश अंबानी
- आदित्य बिड़ला
- एन आर नारायण मूर्ति
- अनिल अग्रवाल
- अजीम हाशिम प्रेमजी
सबसे तेज़ ख़बरों के लिए आजतक ऐप
संबंधित ख़बरें.

'मैं Ratan Tata बोल रहा हूं'... आपका एक खत मिला है, क्या हम मिल सकते हैं? स्टार्टअप की बदली किस्मत!

Happy Birthday Gautam Adani: गौतम अडानी की कहानी, 5 लाख से बिजनेस की शुरुआत, आज दुनिया में डंका

Mukesh Ambani की जोरदार वापसी, Top-10 अमीरों की लिस्ट में अब यहां पहुंचे
- Photogallery
- Gautam Adani Biography Gautam Is All Set To Become World Richest Person
Gautam Adani Biography: मिडिल क्लास फैमिली में पैदा हुए, कॉमर्स ड्रॉप आउट अडानी, ऐसे बने बिजनेस टाइकून
Gautam adani: अडानी पावर के पास लगभग 4620 कैपेसिटी के थर्मल पावर प्लांट हैं जो देश का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्रोड्यूसर है।.
- दुनिया के 5वें सबसे अमीर व्यक्ति बने गौतम अडानी।
- अडानी फाउंडेशन के प्रेसिडेंट हैं गौतम अडानी। 1998 में अडानी का अपहरण हो गया था।
- 1998 में अडानी का अपहरण हो गया था।

फोर्ब्स रियल टाइम बिलियनर इंडेक्स के अनुसार गौतम अडानी (Gautam Adani) वॉरेन बफे को पछाड़ 125 बिलियन डॉलर की संपत्ति के साथ ही विश्व के पांचवें सबसे अमीर व्यक्ति बन गए हैं और विश्व के सबसे अमीर व्यक्ति बनने की रेस में शामिल हो गए हैं। आइए जानते हैं गौतम अडानी (Gautam Adani Biography) के बारे में कुछ बेहद रोचक जानकारियां। शुरूआती जीवन (Gautam Adani Life) गौतम ने अहमदाबाद की एक मीडिल क्लास जैन फैमली में 1962 में जन्म लिया। उनके पिता शांतिलाल एक छोटे टेक्सटाइल व्यापारी थे और माता शांति अडानी थे। उनकी पत्नी प्रीति अडानी एक डेंटिस्ट हैं और अडानी फाउंडेशन को लीड करती हैं। सात भाई बहनों के बीच पले-बढ़े गौतम ने गुजरात यूनिवर्सिटी में कॉमर्स में एडमिशन लिया लेकिन उसे बीच में ही छोड़ दिया। गौतम को बचपन से ही बिजनेस से लगाव था लेकिन वे अपने पिता के बिजनेस से न जुड़कर खुद का बिजनेस करना चाहते थे। करियर की शुरूआत (Gautam Adani Career) खुद के बिजनेस करने की चाह ने उन्हें बेहद कम उम्र में ही 1978 में मुंबई पहुंचा दिया जहां उन्होंने डायमंड सॉर्टर के रूप में 3 सालों तक कार्य किया। 1981 में गौतम के बड़े भाई मनसुखभाई अडानी ने प्लास्टिक यूनिट खरीदी और गौतम को ऑपरेशन मैनेज करने के लिए प्रस्ताव दिया जो आगे चलकर पॉलीविनाइल के माध्यम से ग्लोबल व्यापार करने में पहली सीढ़ी के रूप में शामिल हुआ। 1985 से गौतम ने स्मॉल स्केल इंडस्ट्री के लिए पॉलिमर का आयात करना शुरू किया। उन्होंने 1988 में अदानी एक्सपोर्ट्स की स्थापना की। वर्तमान में इसे अडानी इंटरप्राइजेज के नाम से जाना जाता है और यह कंपनी एग्रीकल्चर और पावर कमोडिटी में व्यापार करती है। 90 के दशक में अडानी के बिजनेस ने काफी विस्तार किया और उन्होंने टेक्सटाइल और एग्रो प्रोडक्ट्स में भी ट्रेड करना शुरू कर दिया। अडानी पावर की नींव 1996 में रखी गई जो अडानी ग्रुप के पावर बिजनेस का एक महत्वपूर्ण अंग है। अडानी पावर के पास लगभग 4620 कैपेसिटी के थर्मल पावर प्लांट हैं जो देश का सबसे बड़ा थर्मल पावर प्रोड्यूसर है। उन्होंने 2006 में पावर जनरेशन बिजनेस में भी एंट्री कर ली। 90 के दशक में अडानी के बिजनेस ने काफी विस्तार किया। मुंबई अटैक और अडानी (Gautam Adani And Mumbai Attacks) गौतम अडानी का 1998 में अपहरण कर लिया गया था और इन्हें छोड़ने के बदले फिरौती की रकम मांगी गई थी। फिरौती की रकम के बाद ही गौतम को छोड़ा गया था। 2008 के मुंबई हमलों के समय गौतम ताज होटल में ही मौजूद थे जिन्हें बाद में रेस्क्यू कर बाहर निकाला गया था। कोरोना संकट के समय मदद (Gautam Adani And Covid-19) गौतम, अडानी फाउंडेशन के प्रेसिडेंट हैं जो गुजरात के साथ-साथ देश के अन्य हिस्सों भी कार्य करता है। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने मार्च 2020 में कोविड-19 के जंग में मदद के रूप में पीएम केयर फंड में 100 करोड़ रुपये की मदद दी थी। इसके साथ ही उन्होंने गुजरात सीएम रिलीफ फंड में 5 करोड़ और महाराष्ट्र सीएम रिलीफ फंड में 1 करोड़ रुपये की मदद दी थी। सरकारी टीचर बनना चाहते हैं तो फॉलो करें ये प्रोसेस

रेकमेंडेड खबरें


- वेब स्टोरीज

- Maharashtra
- Indian Business Tycoon Dhiru Bhai Ambani Success Story
500 रु से ऐसे बने थे धीरु भाई अंबानी करोडपति, ये हैं उनकी कामयाबी के राज
- Advertise with Us |
- DB Reporter |
- Terms & Conditions and Grievance Redressal Policy |
- Contact Us |
- Cookie Policy |
- Privacy Policy
- DainikBhaskar.com
- DivyaBhaskar.com
- DivyaMarathi.com
- MoneyBhaskar.com
- HomeOnline.com
- BhaskarAd.com
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics .

- Read in Hindi

श्री संजीव जुनेजा – भारतीय बिज़नेसमैन
श्री संजीव जुनेजा एक भारतीय बिज़नेस टाइकून, निवेशक और समाजसेवक हैं, जिन्होंने नए भारत को आयुर्वेद के आधुनिक रूप से परिचित कराने के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने बिज़नेस की दुनिया में अपनी शुरुआत महज़ 2000 रूपये के साथ की थी। परन्तु उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें आज भारत का एक नामी बिज़नेसमैन बना दिया है। वह ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के अभियान का समर्थन करते हैं और इसी मुहिम को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने डा. ऑर्थो, पेट सफा, रूप मंत्रा, सच्ची सहेली, एक्यूमास, इचकू, बैडमैन और आई मंत्रा जैसे कई आयुर्वेदिक ब्रांड मार्किट में लांच किए हैं। मीडिया द्वारा ‘Brand Machine’ के नाम से विख्यात, श्री जुनेजा जी ने भारतीय FMCG क्षेत्र के इतिहास में सबसे बड़ी डील तब की, जब इमामी ने उनके मात्र 6 वर्षीय पुराने हेयर केयर बिज़नेस के ब्रांड केश किंग का अधिग्रहण किया। श्री जुनेजा जी ने आधुनिक जीवनशैली के लिए आयुर्वेदिक उत्पादों के विकास पर शुरू से ही अधिक ध्यान दिया है। जिसके परिणामस्वरूप आज उनके पास डा. ऑर्थो, पेट सफा, रूप मंत्रा जैसे कई नामी ब्रांड हैं।
जीवन के एक ऐसे चरण में जब अधिकांश युवा अपने भविष्य को लेकर चिंतित रहते हैं, श्री जुनेजा जी ने 1999 में केवल 23 साल की उम्र में अपने पिता जी को खो दिया, जिसके चलते उनकी मां और बहन की पूरी ज़िम्मेदारी उनके कंधों पर आ गई। जीवन की बाधाओं का मुकाबला करते हुए उन्हें परिवार का पूरा समर्थन मिला। इस तरह दो साल के भीतर, 2001 में उन्होंने अपनी खुद की कम्पनी संजीव फार्मास्युटिकल्स की शुरूआत की। इसके बाद 2008 में, उन्होंने एसबीएस बायोटेक यूनिट-II नाम की कम्पनी की शुरूआत की, जिसके अंतर्गत ‘केश किंग’ नामक ब्रांड (एक क्रांति) की नींव रखी गई, और यहीं से भारत के एक सफल व्यवसायी के रूप में उनके करियर की शुरूआत हुई।

भारतीय अर्थव्यवस्था में श्री संजीव जुनेजा का योगदान
श्री संजीव जुनेजा ने कई ब्रांडों और विभिन्न उत्पादों की एक बेहतरीन श्रृंखला के साथ भारतीय FMCG क्षेत्र में कई उपलब्धियां हासिल की हैं। उनके व्यापारिक योगदान में संजीव फार्मास्युटिकल्स, एसबीएस बायोटेक यूनिट-II और बैडमैन कंज्यूमर केयर (इंडिया) प्रा. लि. शामिल हैं। आयुर्वेद के प्रति उनकी दूरदर्शिता और अनुभव ने ही उपरोक्त कंपनियों के कई ब्रांडों के विकास का नेतृत्व किया।

केश किंग, डा. ऑर्थो, पेट सफा, रूप मंत्रा, एक्यूमास सहित कई ब्रांड अधिकांश भारतीय घरों में प्रमुख रूप से इस्तेमाल किये जाते हैं, क्योंकि वे हरेक आयुवर्ग और समाज के विभिन्न क्षेत्रों के लोगों की साधारण जरूरतों को पूरा करते हैं। उनके द्वारा स्थापित, प्रचारित और समर्थित कंपनियों ने लाखों लोगों के लिए सम्पूर्ण भारत में रोजगार उत्पन्न किए हैं।
समाज सेवा में योगदान
आधुनिक आयुर्वेद के प्रमुख के रूप में अपनी यात्रा के दौरान, श्री जुनेजा देश के शहरी और ग्रामीण हिस्सों में रहने वाले लाखों भारतीय नागरिकों के लिए एक रोल मॉडल है और उनके लिए आय का स्त्रोत भी बने हैं। वह आईकेजे केयर फाउंडेशन के संस्थापक एवं ट्रस्टी भी हैं, जिसने कोविड महामारी के खिलाफ चल रही लड़ाई के दौरान विभिन्न सामाजिक कार्यों जैसे- फ्री एम्बुलेंस सर्विस, फ्री कोविड सेफ्टी किट, जरूरतमंदों को मुफ्त खाना खिलाना, अस्पतालों में फ्री बेड वितरण इत्यादि के तहत बढ़ -चढ़ कर योगदान भी दिया था।
पुरस्कार एवं सम्मान
आयुर्वेद के क्षेत्र में उनके उच्च कोटि की भागीदारी के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है, जिनमेंः-
इसके अलावा, जनवरी-मई 2021 के TAMAdEx की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, श्री जुनेजा प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और रेडियो मीडिया में सबसे बड़े विज्ञापनदाता के रूप में शीर्ष स्थान पर भी रहे हैं।
युवा उद्यमियों को प्रोत्साहन
श्री संजीव जुनेजा विभिन्न मंचों के माध्यम से उभरते हुए उद्यमियों के व्यापारिक विचारों को समर्थन देने में भी काफी रूचि लेते हैं। इसके अतिरिक्त, श्री जुनेजा जी ‘इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमैंट’ और ‘इंडियन स्कूल ऑफ़ बिज़नेस’ जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में भी मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार साझा कर चुके हैं।
उनकी प्रतिभा और सफलता की कहानी ऐसी है कि उनकी जीवनी को राष्ट्रीय टेलीविजन पर प्राइम-टाइम सीरीज के रूप में भी प्रस्तुत किया गया है और विशेष रूप से कुछ प्रसिद्ध लेखकों द्वारा लिखा भी गया है। पढ़ने के शौकीन जुनेजा जी ‘Vowelor Books & Media Platform’ का हमेशा समर्थन करते हैं, जोकि एक ऑनलाइन पाठकों का मंच है और इस मंच के लिए उन्होंने 1 करोड़ रूपये का फंड भी दिया था। इस मंच पर सभी पाठक और लेखक फेसबुक ग्रुप, ट्विटर, इंस्टाग्राम सहित अन्य कई प्लेटफार्मों के माध्यम से नियमित अपने विचार साझा करते रहते हैं। खुद एक आम आदमी होने के नाते श्री संजीव जुनेजा ने देशवासियों को कोविड के गंभीर समय में सहानुभूति और प्रोत्साहन व्यक्त करते हुए, ‘देखो, हवाएं बदल रही हैं’ नामक एक गीत लिखा, जिसका उद्देश्य फ्रंटलाइन कोविड योद्धाओं, डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों को प्रेरित करना था। इस गीत को भारतीय मीडिया के साथ-साथ विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी काफी सराहना मिली थी।
श्री संजीव जुनेजा ने प्रमुख बेबी केयर ब्रांडों में से एक, ’मदर स्पर्श’ में एक निवेशक के रूप में 5 करोड़ रूपये का निवेश किया है। उन्होंने कम्पनी के साथ न केवल अपना वित्तीय समर्थन साझा किया बल्कि कंपनी को एक रणनीतिक और व्यापार संबंधी मार्गदर्शन भी प्रदान किया है।
अन्य उपलब्धियां
श्री जुनेजा जी को देश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक कार्यों में उनके योगदान के लिए, श्री मनोहर लाल खट्टर (सीएम, हरियाणा), श्री देवेंद्र फडणवीस (पूर्व सीएम, महाराष्ट्र), श्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री, पंजाब) और श्री हरीश रावत (पूर्व सीएम, उत्तराखंड) सहित विभिन्न मुख्यमंत्रियों द्वारा सम्मानित किया गया है। साथ ही उन्हें कपिल देव, सौरव गांगुली और मोहम्मद अजहरुद्दीन जैसे दिग्गज़ खिलाड़ियों द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
इसके अलावा श्री जुनेजा जी को विभिन प्रतिष्ठित हस्तियों जैसे- श्री अमिताभ बच्चन, अजय देवगन, अनुष्का शर्मा, सलमान खान, आमिर खान, रणवीर सिंह और रणबीर कपूर द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है।
एक जागरूक नागरिक होने के नाते, श्री जुनेजा जी को अक्सर मीडिया संगठनों द्वारा आमंत्रित किया जाता है। जिसमें वह एजेंडा आज तक, इंडिया टुडे सफाई गिरी, इंडिया टीवी संवाद और CNN – News 18, India News आदि चैनलों के कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं। श्री जुनेजा ‘मिस इंडियन दिवा’ और ‘हौंसलों की उड़ान’ में जूरी सदस्य भी रह चुके हैं, जो नई प्रतिभाओं, चेहरों और विचारों के लिए लॉन्च पैड है।

(Wipro) अजीम प्रेमजी का जीवन परिचय | Azim Premji Biography in Hindi, Foundation, Education, Family, Net Worth
Azim Premji Biography in Hindi:- अजीम हाशिम प्रेमजी एक भारतीय बिजनेस टाइकून (Indian Business Tycoon) हैं, जो विप्रो लिमिटेड (Wipro Limited) के अध्यक्ष हैं, जो एक बहुराष्ट्रीय आईटी कंसल्टिंग और सिस्टम इंटीग्रेशन सर्विसेज कंपनी(Multinational IT Consulting and Systems Integration Services Company) है, वर्तमान में जो दुनिया की सबसे बड़ी आईटी सेवा कंपनी(IT Services Company) में से एक है। प्रेमजी, जिन्होंने लगभग आधी सदी पहले कंपनी के head के रूप में कंपनी का पदभार संभाला था, उन्होंने दशकों के विस्तार और विविधीकरण (diversification ) के माध्यम से Wipro का नेतृत्व किया ताकि,इसे India की सबसे बड़ी सार्वजनिक रूप से business करने वाली कंपनियों में से एक बनाया जा सके । एक सफल व्यवसायी के बेटे के रूप में जन्मे Azim Premji का बचपन संपन्न रहा।
अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद वह engineering की पढाई करने के लिए Stanford University गए। ऐसी ही अन्य जानकारियों से हमारा ये लेख भरा हुआ है। हम इस लेख में आपको अजीम प्रेमजी की जीवनी प्रस्तुत करेंगे। इस लेख में हमने Azim Premji Biography in Hindi, अजीम प्रेमजी का जीवन परिचय ,Azim Premji wikipedia
Azim Premji Foundation ,अजीम प्रेमजी का प्रारम्भिक जीवन ,अजीम प्रेमजी की शिक्षा ,अजीम प्रेमजी का परिवार ,azim premji religion क्या है ,अजीम प्रेमजी ने Wipro Business की शुरुआत कब की ,अजीम,प्रेमजी की कुल सम्पति | azim premji Net Worth,Wipro Company Turnover ,अजीम प्रेमजी के दान | azim premji donations,सोशल मीडिया लिंक्स के बारे में बताएंगे।
रितेश अग्रवाल का जीवन परिचय (OYO Rooms)
अमन गुप्ता का जीवन परिचय
पीयूष बंसल का जीवन परिचय
Azim Premji Biography in Hindi

अजीम प्रेमजी का प्रारम्भिक जीवन | Azim Premji Biography in Hindi
Azim Hashim Premji, विप्रो लिमिटेड के संस्थापक, अध्यक्ष, एक Indian Business Tycoon, निवेशक, इंजीनियर और परोपकारी हैं। उन्हें भारतीय IT industry के किंग के रूप में भी जाना जाता है। चार दशकों तक Azim Premjiके मार्गदर्शन में, Wipro software industry में वैश्विक लीडर्स में से एक है। Azim Hashim Premji का जन्म 24 जुलाई, 1945 को Mumbai (तब बॉम्बे) में एक मुस्लिम परिवार में हुआ था। उनके पिता मोहम्मद हाशिम प्रेमजी(Mohammad Hashim Premji) को बर्मा के चावल के राजा(King of Rice of Burma) के रूप में जाना जाता था। Pakistan के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ( Founder Muhammad Ali Jinnah) ने प्रेमजी के पिता को पाकिस्तान में रहने के लिए आमंत्रित भी किया था, जिसे अस्वीकार कर भारत में रहने का फैसला किया गया।
साल 1945 में, अजीम प्रेमजी के पिता, मुहम्मद हाशिम प्रेमजी ने Maharashtra के अमलनेर में वेस्टर्न इंडियन वेजीटेबल प्रोडक्ट्स लिमिटेड (Western Indian Vegetable Products Limited) की स्थापना की। कंपनी ने सूरजमुखी वनस्पति (खाना पकाने का तेल (Sunflower vegetation oil)) और एक कपड़े धोने के साबुन 787 (खाना पकाने के तेल का एक उपोत्पाद) का निर्माण किया। अजीम प्रेमजी स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका(Stanford University, USA) से Electrical Engineering में ग्रेजुएट हैं। प्रेमजी ने यासमीन से शादी की और दंपति के दो बेटे रिशद प्रेमजी और तारिक प्रेमजी हैं। वर्तमान में, बड़े बेटे रिशद Wipro Limited के अध्यक्ष हैं।
Azim Premji Wikipedia
अजीम प्रेमजी की शिक्षा | education of azim premji.
स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अजीम प्रेमजी Stanford University से engineering की पढ़ाई करने के लिए अमेरिका चले गए। हालांकि, 1966 में graduate होने से कुछ समय पहले उनके पिता की अकास्मित रूप से मृत्यु हो गई और उन्हें व्यवसाय का नियंत्रण लेने के लिए घर लौटना पड़ा (बता दें कि अपनी छोड़ी हुई engineering की पढ़ाई उन्होंने साल 2000 में पूरी कर ली थी) इसके बाद 21 साल की उम्र में ही Azim Premji ने 1966 में अपने पिता के व्यवसाय को संभाला । उस समय कंपनी मुख्य रूप से Hydrogenated oil manufacturing में काम करती थी।
नियंत्रण संभालने के तुरंत बाद, प्रेमजी ने diversification के अवसरों की तलाश शुरू कर दी और परिष्कृत तेलों से परे व्यवसाय का विस्तार करने का प्रयास किया। जल्द ही कंपनी ने अपने पोर्टफोलियो में बेकरी वसा, प्रसाधन सामग्री, प्रकाश बल्ब, बाल देखभाल उत्पाद और हाइड्रोलिक सिलेंडर शामिल करने के लिए विविधता लाई। चूंकि कंपनी अब केवल सब्जी उत्पादों के साथ काम नहीं करती थी, प्रेमजी ने 1977 में इसका नाम बदलकर “Wipro” कर दिया।
Azim Premji Education
1979 में, भारत सरकार ने कंप्यूटर फर्म IBM को देश से निष्कासित कर दिया। प्रेमजी ने इसे उभरते कंप्यूटर Hardware and Software Market में दोहन करने के लिए एक शानदार अवसर के रूप में देखा और Wipro को Computer Business में transferred करना शुरू कर दिया।1980 के दशक में कंपनी ने कंप्यूटर क्षेत्र में कई अन्य व्यवसायों के साथ सहयोग किया, जिसमें एक अमेरिकी कंपनी सेंटिनल कंप्यूटर कॉर्पोरेशन भी शामिल थी, साझेदारी बनाने के लिए और विप्रो को कंप्यूटर हार्डवेयर के सफल निर्माता के रूप में तैनात किया। आखिरकार कंपनी ने सॉफ्टवेयर बाजार में भी प्रवेश किया।गुणवत्ता के उच्चतम मानकों को प्राप्त करने की खोज से प्रेरित, प्रेमजी ने यह सुनिश्चित किया कि उनकी कंपनी ने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में सर्वश्रेष्ठ लोगों को काम पर रखा जाए और उन्हें अपने कौशल को और बेहतर बनाने के लिए विश्व स्तरीय Training दी जाए।
इससे Wipro को अमेरिकी कंपनियों की तुलना में काफी कम लागत पर उच्च गुणवत्ता वाले Software विकसित करने में मदद मिलेगी, जिससे विप्रो को सफलतापूर्वक अमेरिका में कस्टम सॉफ्टवेयर निर्यात करने में मदद मिली। जिसके बाद कंपनी को अपार सफलता मिली और विप्रो का मूल्य 1990 के दशक के अंत तक ऊंचाइयों पर पहुंच गया। कंपनी की बढ़ती संपत्ति ने Premji को दुनिया के सबसे अमीर व्यवसायियों में से एक बना दिया। ‘बिजनेस वीक’ ने Wipro को दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती कंपनियों में से एक बनाने के लिए सबसे महान उद्यमियों में से एक होने के लिए उनकी Azim Premji की सराहना की।
अजीम प्रेमजी का परिवार
Azim Premji का जन्म 24 जुलाई 1945 को Mumbai में हुआ था। वह एक गुजराती मुस्लिम (Gujarati Muslim) हैं और उनका परिवार मूल रूप से कच्छ का रहने वाला है। उनके पिता Mohammed Hashem Premji अपने समय में एक प्रसिद्ध व्यापारी थे और उन्हें ‘बर्मा के चावल राजा’ के रूप में भी जाना जाता था। जब India का विभाजन हुआ था, तो पाकिस्तान के संस्थापक मुहम्मद अली जिन्ना ने प्रेमजी के पिता को वहां रहने के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि, मोहम्मद प्रेमजी ने इस अनुरोध को अस्वीकार कर दिया था।अजीम प्रेमजी की शादी यास्मीन प्रेमजी(Yasmeen Premji) से हुई है और उनके दो बेटे हैं – तारिक और रिशद। रिशद वर्तमान में विप्रो की आईटी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए मुख्य रणनीति अधिकारी(Chief Strategy Officer) के रूप में काम कर रहे हैं।
azim premji religion क्या है
Azim Premji का जन्म 24 जुलाई, 1945 को Bombay(अब मुंबई), भारत में एक निजारी इस्माइली शिया मुस्लिम परिवार में हुआ था।वह एक Gujarati Muslim हैं और उनका परिवार मूल रूप से Kachchका रहने वाला है। उनके पिता मोहम्मद हाशम प्रेमजी अपने समय में एक प्रसिद्ध व्यापारी थे और उन्हें ‘बर्मा के चावल राजा’ के रूप में भी जाना जाता था
अजीम प्रेमजी ने Wipro Business की शुरुआत कब की
Wipro Limited की स्थापना वर्ष 1945 में कर्नाटक में Muhammad Hashim Premji द्वारा की गई थी, जो कंपनी के प्रमोटर और अध्यक्ष हैं। कंपनी ने एक खाद्य तेल उत्पादक(edible oil producers) के रूप में शुरुआत की और फिर खुद को फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स एंड आईटी सर्विसेज एंड प्रोडक्ट्स बिजनेस में अग्रणी खिलाड़ी में बदल दिया। वर्ष 1994-95 के दौरान कंपनी ने अपनी पांच विनिर्माण और विकास सुविधाओं के लिए आईएसओ 9001 प्रमाणन(ISO 9001 certification) हासिल किया।फरवरी 2001 में कंपनी बैंगलोर में तीन प्रमुख सॉफ्टवेयर विकास और प्रौद्योगिकी केंद्रों में पर्यावरण प्रबंधन प्रणाली (Environmental Management Systems) के लिए अंतर्राष्ट्रीय मानकों का अनुपालन करने के लिए आईएसओ: 14001 प्रमाणन(ISO: 14001 Certification) के लिए प्रमाणित होने वाली भारत की पहली सॉफ्टवेयर प्रौद्योगिकी और सेवा कंपनी बन गई।
अजीम प्रेमजी की कुल सम्पति | Azim Premji Net Worth
Azim Premji भारत के सबसे धनी लोगों में से एक हैं, जो शायद, अपने धन और व्यावसायिक कौशल के बजाय अपने परोपकार के लिए जाने जाते हैं। जुलाई 2022 तक, Forbes ने बताया कि प्रेमजी की कुल संपत्ति $ 8.6 बिलियन थी। जो साल 2023 की शुरुआत में बढ़कर $ 9.1 बिलियन बताई जा रही है।वह अपनी संपत्ति विप्रो लिमिटेड (डब्ल्यूआईटी) के ownership से प्राप्त करते हैं, जो एक सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कंपनी है जो आईटी सेवाओं के भारत के चौथे सबसे बड़े आउटसोर्सर के रूप में रैंक करती है।अजीम प्रेमजी को उनके परोपकार के लिए याद किया जाएगा। वह पहले ही गिविंग प्लेज(Giving Pledge) के हिस्से के रूप में अपनी संपत्ति का 21 बिलियन डॉलर दे चुके हैं, जो दुनिया के सबसे धनी व्यक्तियों द्वारा धर्मार्थ कार्यों के लिए अपनी संपत्ति का अधिकांश हिस्सा दान करने की प्रतिबद्धता है। प्रेमजी यह प्रतिज्ञा लेने वाले पहले भारतीय थे।
Wipro Company Turnover
Wipro Limited का fiscal year 2022 में 795 अरब भारतीय रुपये से अधिक का Renue था। वित्त वर्ष 2015 से राजस्व में लगातार वृद्धि हुई थी। 98 प्रतिशत से अधिक Revenue मौजूदा ग्राहकों से उत्पन्न हुआ था। डिजिटल और साइबर सुरक्षा(Digital and Cyber Security ) के क्षेत्रों से राजस्व साल-दर-साल तुलना में बड़े पैमाने पर बढ़ा।वहीं साल 2021 में कंपनी का 622.4 अरब भारतीय रुपये से अधिक था।
Azim Premji Foundation
अजीम प्रेमजी फाउंडेशन एक Non Profit organization न है, जो साल 2000 से ग्रामीण सरकारी स्कूलों में primary education system के साथ काम कर रहा है। Foundation ने देश भर में educational quality में सुधार के लिए अगल अगल कार्यक्रमों को लागू किया है। लेकिन साल 2010 तक यह स्पष्ट हो गया था कि “परियोजना” मोड पर काम करना काफी नहीं होगा और किसी भी गहरे बदलाव के लिए कई दशकों तक लगातार प्रयास करना ही पड़ता है।जो यह केवल “संस्थानों” की स्थापना करने पर ही प्राप्त किया जा सकता है। जो स्थानीय संदर्भ में निहित हैं और local government structures के साथ सहयोग कर सकते हैं। इस प्रकार क्षेत्रीय स्थानों में जिला संस्थान स्थापित करने का विचार आया।
जिसके बाद फाउंडेशन ने बाड़मेर, बेंगलुरु, धमतरी, कलबुर्गी, सिरोही, टोंक, उत्तरकाशी और उधम सिंह नगर और यादगीर में प्रदर्शन स्कूल भी स्थापित किए हैं, ताकि स्थानीय समुदाय को Quality free education प्रदान की जा सके।आज, 1700+ कर्मचारियों के साथ फाउंडेशन 6 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश तक पहुंच चुकि है (कर्नाटक, राजस्थान, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और पुडुचेरी) वहीं 48 से ज्यादा जिलों में फील्ड संस्थान हैं।

अजीम प्रेमजी के दान | Azim Premji Donations
- साल 2022 में Azim Prem ji ने 484 करोड़ रुपए का वार्षिक दान किया है
- Software exporter Wipro के अजीम प्रेमजी ने Fiscal Year 2021 में भारतीय परोपकारियों में अपना शीर्ष स्थान बनाए रखने के लिए 9,713 करोड़ रुपये यानि की दिन का 27 करोड़ रुपये का दान दिया।
- Coronavirus की इस महामारी के बीच भारत भी इससे प्रभावित हुआ है और इसके प्रकोप ने सभी के दैनिक जीवन में तबाही मच दी। हालांकि, ध्यान रखने के लिए बहुत सी चीजें हैं जैसे कि सही चिकित्सा उपकरण, सुविधाएं, डॉक्टर, अस्पताल, जागरूकता और यह सुनिश्चित करना कि वंचित किसी भी कीमत पर उपेक्षित न हों।
- Azim Premji ने इससे पहले वर्ष 2019 में विप्रो के 34% शेयरों का स्वामित्व अजीम प्रेमजी ट्रस्ट(Azim Premji Trust) और अजीम प्रेमजी फिलैनथ्रॉपिस्ट इनिशिएटिव्स(Azim Premji Philanthropist Initiatives) को दान कर दिया था। इसकी लागत 52,750 करोड़ रुपये थी और अगर डॉलर में गणना की जाए तो यह 7.5 अरब डॉलर थी।
सोशल मीडिया लिंक्स | Azim Premji Social Media Links
Faq’s azim premji biography in hindi, q. अजीम प्रेम जी का जन्म कब और कहा हुआ .
Ans. अजीम प्रेम जी का जन्म 24 जुलाई 1945 में मुंबई में हुआ था।
Q. अजीम प्रेम जी के पिता का नाम क्या था और वह किस नाम से फेमस थे ?
Ans. अजीम प्रेम जी के पिता का मोहम्मद हाशिम प्रेमजी और उन्हें बर्मा के चावल के राजा के रुप में जाना जाता था।
Q. अजीम प्रेम जी ने क्या पढ़ाई की है ?
Ans. अजीम प्रेम जी ने स्कूली पढ़ाई मुंबई में की थी , वहीं वह स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे, जिससे उन्हे बीच में ही छोड़ना पड़ा।
Q. अजीम प्रेम जी ने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही क्यो छोड़ दी ?
Ans. अजीम प्रेम जी के पिता की अचानकर मृत्यु होने के कारण उन्हें स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी।
Q. अजीम प्रेम जी की पत्नी का नाम क्या है ?
Ans. अजीम प्रेमजी की शादी यासमीन प्रेम जी के साथ हो गई थी।
Q. अजीम प्रेम जी के कितने बच्चे है और उनके नाम क्या है?
Ans. अजीम प्रेम जी के दो बच्चे है दोनों ही लड़के है, बेटों का नाम तारिक और रिशद है, राशिद वर्तमान में विप्रो की आईटी व्यावसायिक गतिविधियों के लिए मुख्य रणनीति अधिकारी(Chief Strategy Officer) के रूप में काम कर रहे हैं।
Q. अजीम प्रेम जी ने साल 2022 में कितने रुपए का दान किया है ?
Ans. साल 2022 में अजीम प्रेम जी ने 484 करोड़ रुपए का वार्षिक दान किया है।
Q. अजीम प्रेम जी ने साल 2021 में कितना दान किया ?
Ans. अजीम प्रेम जी ने साल 2021 में 9,713 करोड़ रुपये यानि की दिन का 27 करोड़ रुपये का दान दिया।
प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें
आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *
अगली बार जब मैं टिप्पणी करूँ, तो इस ब्राउज़र में मेरा नाम, ईमेल और वेबसाइट सहेजें।
- Alexander III of Macedon – was a king of the ancient Greek kingdom of Macedon / सिकंदर या अलेक्जेंडर द ग्रेट
- Jalal-ud-din Muhammad Akbar – was the third Mughal emperor / जलाल उद्दीन मोहम्मद अकबर
- Subhas Chandra Bose – an Indian nationalist / सुभाष चन्द्र बोस
- Vikram Ambalal Sarabhai – an Indian Physicist and Astronomer / विक्रम साराभाई
- Krishnakumar Kunnath (KK), was an Indian playback singer / कृष्णकुमार कुन्नथ
- Tantia Tope an general in the Indian Rebellion of 1857 and notable leaders / तात्या टोपे
- Sudha Murty – an Indian educator, author and philanthropist / सुधा मूर्ति
- Droupadi Murmu – an Indian politician, president of India / द्रौपदी मुर्मू
- Homi Jehangir Bhabha – was an Indian nuclear physicist, founding director, and professor of physics / होमी जहांगीर भाभा
- Anandibai Joshi – First Indian Female Doctor / आनंदीबाई जोशी
www.hindilekh.com

Dhirajlal Hirachand Ambani – Indian Business Tycoon / धीरूभाई अंबानी
Dhirubhai Ambani success story in hindi – धीरूभाई अंबानी को “धीरज लाल हीराचंद अंबानी” के नाम से भी जाना जाता है। इनकी ख्याति देश में ही नहीं अपितु विदेशों में भी फैली हुई है।
धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) बिजनेस की दुनिया के बेताज बादशाह और बिजनेसमैन की लिस्ट में शुमार है। जिन्होंने अपने दम पर सपने देखे और उन्हें हकीकत में बदल कर पूरी दुनिया के सामने यह साबित कर दिया कि अगर स्वयं पर विश्वास हो तो निश्चित रूप से सफलता तुम्हारे कदम चूमती है। धीरुभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) का मानना था कि “ जो सपने देखने की हिम्मत करते हैं, वही पूरी दुनिया को जीत सकते हैं।” धीरुभाई ने ना केवल बिजनेस की दुनिया में, अपितु भारत को एक उद्योग क्षेत्र में एक नई पहचान दी। एक गरीब खानदान में पैदा हुए धीरूभाई अंबानी ने बड़े बिजनेसमैन बनने के सपने देखे। अपनी कठिन मेहनत के बल पर उन्हें हकीकत में बदला। धीरूभाई अंबानी(Dhirubhai Ambani) का जन्म 8 दिसंबर 1932 को, गुजरात राज्य के जूनागढ़ के पास, एक छोटे से गांव “चोरवार्” में हुआ था। उनकी मां “जमुना बेन” एक घरेलू महिला थी। उनके पिता “गोवर्धन अंबानी” एक अध्यापक थे। जिनके लिए अपने परिवार का लालन-पालन करना काफी चुनौतीपूर्ण था। नौकरी से उनके घर खर्च के लिए पैसे पूरे नहीं पड़ते थे। चार भाइयों के बीच धीरुभाई का पढ़ना मुश्किल था। ऐसी स्थिति में धीरुभाई को अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। धीरूभाई अंबानी ने घर का खर्च चलाने के लिए अपने पिता के साथ भजिया बेचना शुरू कर दिया।
धीरू भाई ने गुजरात की “कोकिलाबेन” से शादी की थी। इनसे धीरुभाई के दो बेटे और दो बेटियां थी। बेटों के नाम मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी और बेटियों के नाम नीना अंबानी और दीप्ति अंबानी है। धीरूभाई ने अपने हालातों को देखते हुए सबसे पहले फल और नाश्ता बेचने का बेचने का काम किया। उन्होंने गांव के पास ही एक धार्मिक स्थल पर पकौड़े बेचने का काम करना शुरू कर दिया। लेकिन यहां पर्यटक साल में कुछ ही दिन वहां आते थे तो वहां यह काम ज्यादा नहीं चलता था जिससे धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) को यह काम बंद करना पड़ा। किसी भी काम में सफल न होने की वजह से उन्होंने अपने पिता के कहने पर एक नौकरी ढूंढनी शुरू कर दी। धीरुभाई ने अपने बड़े भाई “रामणीक” की मदद से यमन में नौकरी करने का फैसला किया। उन्होंने “Shell” के पेट्रोल पंप पर, अपनी पहली नौकरी करीब 2 वर्ष तक की। अपनी कुशलता व योग्यता से धीरुभाई मैनेजर के पद तक पहुंच गए। हालांकि वहां काम करते हुए भी वह अक्सर व्यापार के रास्ते तलाशते रहते थे।
धीरुभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) के बिजनेस के प्रति रुझान का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि जब शैल कंपनी में रहे तो वह वहां 300 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से नौकरी करते थे। उस दौरान काम करने वाले कर्मचारियों को चाय महज 25 पैसे में मिलती थी, लेकिन धीरूभाई वह चाय ना खरीदकर रेस्टोरेंट में एक रुपए की चाय पीने जाते थे। वह वहां आने वाले बड़े बड़े बिजनेसमैन की बातें सुनने की वजह से, चाय पीने जाया करते थे ताकि बिजनेस की बारीकियों को समझ सके। धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) ने लंदन की एक कंपनी में यमन में प्रसिद्ध चांदी के सिक्कों की गलाई, यह जानने के लिए शुरू की थी कि चांदी के सिक्कों का मूल्य चांदी से ज्यादा होता है। जब इस बात की खबर यमन सरकार को लगी तो तब तक वह अच्छा खासा मुनाफा कमा चुके थे।
धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) ने अपने जीवन में तमाम संघर्षों को पार कर, सफलता की ऊंचाइयों को छुआ था। जब धीरूभाई अंबानी यमन में नौकरी कर रहे थे। उसी दौरान यमन की आजादी के लिए, आंदोलनों की शुरुआत हो गई थी। हालात इतने बिगड़ गए थे कि यमन में रह रहे सभी भारतीयों की नौकरी छोड़नी पड़ी थी। धीरूभाई भी अपनी नौकरी छोड़ कर वापस भारत आ गए। व्यापार करने का ख्वाब देखने वाले धीरूभाई अंबानी (Dhirubhai Ambani) ने भारत में ही व्यापार करने का फैसला किया। परंतु उनके पास व्यापार करने के लिए पर्याप्त रकम नहीं थी। उन्होंने अपने मामा “त्रियंबक लाल दामिनी” के साथ मिलकर पॉलिस्टर धागे व मसालों के आयात व निर्यात का व्यापार शुरू कर दिया।इसी काम के साथ, महज 15 हजार रुपया की राशि के साथ “ Reliance Commertial Corporation ” की शुरुआत, एक छोटे से ऑफिस से की थी। जो “ Narsinathan street ” में बनाया था। यहीं से रिलायंस कंपनी (Reliance Company) का उदय हुआ। उस समय दो सहकर्मी धीरूभाई अंबानी के साथ काम में मदद करते थे। धीरूभाई और त्रियंबक लाल दामिनी दोनों का व्यापार करने का तरीका व स्वभाव अलग-अलग था।
साल 1965 में धीरूभाई ने त्रियंबक लाल दामिनी के साथ भागीदारी खत्म कर दी और अपने दम पर व्यापार को आगे बढ़ाया। त्रियंबक लाल दामिनी एक सतर्क व्यापारी थे उन्हें सूत बनाने केेे काम में कोई रुचि नहीं थी। जबकि धीरुभाई को रिस्क उठाने वाला व्यापारी माना जाता था। धीरुभाई ने सूत के व्यापार में अपनी किस्मत आजमाई और सकारात्मक सोच के साथ इसकी शुरुआत कर दी। इसमें उन्हें बहुत मुनाफा हुआ। धीरूभाई अंबानी को अब तक कपड़े के व्यापार की अच्छी खासी समझ भी आ गई थी। व्यापार मे अच्छे मौके मिलने की वजह से उन्होंने 1966 में अहमदाबाद के “नरोदा” में, एक मिल की शुरुआत कर दी। जहां कपड़ा बनाने में पॉलिस्टर के धागे का इस्तेमाल हुआ और फिर धीरूभाई अंबानी ने इस ब्रांड का नाम “Vimal” रखा और इसका पूरे भारत में जमकर प्रसार व प्रचार किया गया। धीरे-धीरे भारत में यह ब्रांड घर-घर में पहचाना जाने लगा।
साल 1975 में विश्व बैंक की टेक्नीशियन ने “ Reliance Textile ” इलाके का दौरा किया और उसे विकसित देशों के मानकों से भी अच्छा बताया। 1980 में धीरूभाई ने सरकार से “पॉलिस्टर फिलामेंट” का लाइसेंस ले लिया और उसके बाद वह लगातार आगे बढ़ते रहे और उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। रिलायंस कपड़े के साथ ही पेट्रोलियम और दूरसंचार जैसी कंपनी के साथ भारत की सबसे बड़ी कंपनी बन गई । भारत में “Equity Cult का श्रेय भी धीरुभाई को जाता है। जब 1977 में रिलायंस ने IPO जारी किया, तब 58000 से भी ज्यादा निवेशकों ने उस में निवेश किया। धीरुभाई ने अपने व्यापार का विस्तार अलग-अलग क्षेत्रों में किया इनमें मुख्य हैं —– Petrochemicals, Telecommunications, Information technology, energy, electricity, Retail, Textile Infrastructure services, Capital markets, Logistics भी शामिल है रिलायंस कंपनी को आगे बढ़ाने के लिए धीरूभाई(Dhirubhai Ambani) के दोनों बेटे ने मां को का पूरी तरह से इस्तेमाल कर रहे हैं। एक कमरे से शुरू हुई कंपनी 2012 तक करीब 85000 कर्मचारी काम कर रहे थे जबकि सेंट्रल गवर्नमेंट के पूरे टैक्स में से 5% रिलायंस देती थी। 2012 में संपत्ति के हिसाब से दुनिया के 500 सबसे अमीर व विशाल कंपनी में, रिलायंस को भी शामिल किया गया था। धीरुभाई के जीवन पर आधारित एक फिल्म बनाई गई इसका नाम “गुरु” था। इस फिल्म में अभिषेक बच्चन ने उनकी भूमिका निभाई थी। लगातार बढ़ते व्यापार के बीच उनका स्वास्थ्य खराब होने लगा। 6 जुलाई 2002 को उनकी मृत्यु हो गई। जब उनकी मृत्यु हुई, तब रिलायंस 62000 करोड़ की कंपनी बन चुकी थी। उनके व्यापार को उनके बड़े बेटे मुकेश अंबानी ने संभाला।
धीरुभाई का कहना था —–
“बड़ा सोचो जल्दी सोचो और आगे की सोचो क्योंकि विचारों पर किसी एक का अधिकार नहीं है”।
Click here to know more.
You may also like:
Founder of Tata in Hindi
Joe Biden Biography in hindi
Related posts

You’re a beautiful inspiration. It really helps me in any situation. Where I stuck. Many of my friends told me to comment there post but I stuck what I should comment. Finally I got your post it always help me. Thanks for the lovely post.
Leave a reply Cancel reply
Subscribe to our newsletter.


IMAGES
VIDEO
COMMENTS
Howard Hughes is thought to have suffered from obsessive-compulsive disorder and a germ phobia. The billionaire movie producer, aviator and business tycoon became extremely reclusive at the end of his life, likely due to these disorders.
John D. Rockefeller’s name is synonymous with wealth, and he’s one of the most controversial business tycoons in America’s history. From his monopolistic Standard Oil to various ventures in banking and shipping, Rockefeller’s empire continu...
If you are looking to build your empire in your industry, start by practicing with these tycoon games to sharpen your business skills. Have you dreamed of conquering the business world? Are you looking for ways to sharpen your entrepreneuri...
... Business Tycoon (Hindi Edition). और देखें. हिंदी संस्करणहिंदी संस्करण. 3.9 5 में से 3.9 स्टार 59 समीक्षा. Kindle
... Hindi. English. Hindi News · बिजनेस · बिज़नेस न्यूज़ ... Business) का बड़ा कारोबार खड़ा कर दिया. इनकी
... Hindi News · education · gk update; Gautam Adani Biography Gautam Is All ... Company Logo. By clicking “Accept All Cookies”, you agree to the
Hindi News · Local · Maharashtra · Mumbai; Indian Business Tycoon Dhiru Bhai Ambani Success Story
ZEE Business Hindi ZEE BUSINESS · Switch to English Switch to English · Live TV · Live TV. Subscribe for Newsletter; मार्केट · स्टॉक्स
↑ "अंबानी: सभी मौसमो का tycoon". मूल से 15 जुलाई 2009
Sanjeev Juneja is an Indian business tycoon, investor and philanthropist. FOLLOW ME ON: Quick Links. Home · About · Profile · Gallery · Videos · Read in Hindi
Azim Premji – Indian Business Tycoon, Philanthropist, Chairman of Wipro Limited / अजीम प्रेमजी. अजीम प्रेमजी जीवनी
Azim Premji Biography in Hindi:- अजीम हाशिम प्रेमजी एक भारतीय बिजनेस टाइकून (Indian Business Tycoon) हैं, जो विप्रो लिमिटेड
Dhirajlal Hirachand Ambani – Indian Business Tycoon / धीरूभाई अंबानी ... कृष्णकुमार कुन्नथ जीवनी Krishnakumar Kunnath biography in hindi.
... BUSINESS TYCOON of India in Hindi. 69 views · 4 months ago #ratantata #tatasafari #rakeshjhunjhunwala ...more. Historical Indian Hindi. 26.5K.